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What Is Lanthanide Contraction in Chemistry in Hindi

लांथानाइड संकुचन (Lanthanide Contraction) क्या होता है और यह रसायन विज्ञान में क्यों महत्वपूर्ण है? इस विषय पर विस्तार से जानने से पहले हम शुरूआत में लांथानाइड तत्वों के बारे में थोड़ी जानकारी देखें।

लांथानाइड तत्व रारा धातु वर्ग के तत्वों में से एक होते हैं। इनकी विशेषता यह होती है कि इनके एलेक्ट्रॉन कॉन्फिगरेशन का अंतिम इलेक्ट्रॉन f-ऑर्बिटल में होता है। इसके अलावा, यह धातुओं के समूह में सबसे भारी अणुओं में से कुछ होते हैं।

लांथानाइड संकुचन का महत्व

लांथानाइड संकुचन का महत्व रिएक्शन, कमिकल इक्विलिब्रियम और कमिकल रीऐक्शन में अति महत्वपूर्ण होता है। इसका मूल उद्देश्य यह होता है कि यह विभिन्न अणुओं के साथ केमिकल प्रतिक्रिया में सबसे अच्छी तरह से शामिल हो सके।

लांथानाइड संकुचन क्या होता है?

लांथानाइड संकुचन एक केमिकल ट्रेंड है जो द्विधातु या बहुधातु धातुओं के बीच होता है। यह एक प्रकार का विस्फोटक आवरण होता है जो रासायनिक तत्वों के सतह पर विशेष ढंग से काम करता है। इसमें एक समूह के प्रत्येक तत्व के दो अवरों के बीच अंतर होता है। वजन का अंतर ज्यादातर अणुओं के बीच एकवल होता है, लेकिन लांथानाइड संकुचन के मामले में वजन में अंतर थोड़ा होता है।

इसीलिए, लांथानाइड संकुचन के कारण लांथानाइड एक-एक करके बढ़ते अणु क्रम में वजन का अंतर बहुत कम होता है। यह उनकी अवरों को किसी अणु की अवर से एकदम अलग बनाता है, जिससे यह रसायनिक प्रतिक्रियाओं में अदेखा नहीं जाता है।

लांथानाइड संकुचन की वजह क्या होती है?

लांथानाइड संकुचन की वजह उनके इलेक्ट्रॉन कॉन्फिगरेशन से होती है जो अंतिम इलेक्ट्रॉन f-ऑर्बिटल में होता है। इस आवर्त से, प्रतिमाह अणु के वृद्धि के साथ साथ वृद्धि होती है। इसलिए, लांथानाइड के रारा धातु कोषों में शामिल होने पर उनके अवरों के बीच संकुचन होता है।

इसलिए, लांथानाइड संकुचन रसायनिक तत्वों के ट्रेंड को समझने में महत्वपूर्ण होता है। इससे रसायन विज्ञानी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को समझते हैं और उन्हें और विस्तृत ढंग से समझने में मदद मिलती है।

इसलिए, रसायन विज्ञान में लांथानाइड संकुचन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। इसे समझना रसायन विज्ञान में आगे बढ़ने के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।